महिला कल्याण के बारें में
महिलाओं और बच्चों के विकास को गति देने के उददेश्य से भारत सरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक हिस्से के रूप में महिला एवं बाल विकास विभाग की स्थापना वर्ष 1989 में हुई है। महिलाओं को सशक्त करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 1989 में पूर्ण कालिक महिला एवं बाल विकास विभाग की स्थापना की गई महिलाओं के कल्याण सम्बन्धी कार्यक्रमों में गतिशीलता लाने के उददेश्य से राज्य स्तरपर महिला कल्याण निदेशालय एवं बाल विकास पुष्टाहार, निदेशालय की स्थापना की गईहै। वर्ष- 2013 में शासन द्वारा दो विभागों को पृथक कर महिला एवं बाल विकास पुष्टाहार व महिला कल्याण विभाग अलग-अलग बना दिया गया है। अनाथालय एंव आन्य पूर्त आश्रम (पर्यवेक्षण एंव नियंत्रण 1960) के अन्तर्गत स्थापित उत्तर प्रदेश नियंत्रण बोर्ड एवं केन्द्रीय समाज कल्याण बोर्ड की राज्य इकाई के रूप में राज्य सरकार क्षरा स्थापित राज्य समाज कल्याण बोर्ड को भी महिला एवं बाल विकास विभाग के नियंत्रणाधीन रक्खा गया है, ताकि इन संस्थाओं का अधिकतम लाभ उठाया जा सके।
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COVID 19 महामारी ने भारत सहित दुनिया को बुरी तरह प्रभावित किया है। महामारी के दौरान बच्चे भी कई तरह से प्रभावित हुए हैं। बच्चो के अनुभवों में नियमित जीवन की हानि, स्कूल जाने में असमर्थता और चिंता का सामना करने से लेकर COVID19 के कारण अपने प्रियजनों को खोना तक शामिल हैं। कई बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों को COVID 19 से खो दिया है।
2020 से देश-प्रदेश में कोविड-19 महामारी का प्रकोप लगातार बना हुआ है। विभाग द्वारा उक्त में जोखिम में आने वाले सभी बच्चों के पुर्नवास हेतु पूर्ण प्रयास किये जा रहे हैं। अनेक ऐसे बच्चों के संबंध में जानकारी प्राप्त हुयी है जिनके माता/पिता अथवा दोनो की कोविड-19 से संक्रमित होने के कारण/महामारी के प्रभाव में/के दौरान मृत्यु हो गई है। इनमें से कई ऐसे बच्चे हैं जिनका कोई निकट संबंधी नहीं है या जो निकट संबंधी होने के बाद भी नहीं चाहते हैं या गोद लेने में सक्षम नहीं हैं और जिन्हें जीवित रहनेए विकास, सुरक्षा और संरक्षण के लिए सरकार के समर्थन की आवश्यकता है।
ऐसे बच्चों को उनके रखरखाव, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने “उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना” शुरू की है। -
उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना(कोविड) – उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना – कोविड के अंतर्गत 0 से 18 वर्ष की उम्र तक के ऐसे सभी बच्चे जिनके माता या पिता अथवा दोनों की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से हो गयी हो, ऐसे बच्चों को 4,000/- रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है|
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उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) - उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के अन्तर्गत 18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बच्चे जिन्होंने कोविड-19 से भिन्न अन्य कारणों से अपने माता-पिता दोनों अथवा माता या पिता में से किसी एक अथवा अभिभावक को खो दिया है |
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